Monday 13 May, 2013

गाँव सिखाता है रिश्तों में जीवन


शहरों में तो कई बार लोग अपने रिश्तों को भी किस्तों में जीने लगते हैं, और रिश्तों में भी जीवन बहुत कम रह पाता है। जीवन में रिश्ते हों ये बहुत जरूरी है, लेकिन रिश्तों में जीवन हो ये गाँव सिखाता है। गाँवों के जीवन की इन्हीं खूबियों पर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परामध्यक्ष श्री चिदानंद सरस्वती 'मुनि जी महाराज' से मनीष मिश्र की विशेष बातचीत।

सवाल: आप भारत के गाँवों की स्थिति को कैसे देखते हैं
जवाब: मैं समझता हूं कि सबसे उपेक्षित यदि आज कोई है तो वह है गाँव। गांव की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है, गाँव से जिसकी उपेक्षा है आज उसीसे सबसे बड़ी अपेक्षा है। इसके लिए मैं समझता हूं कि गाँव में जागृति आना बहुत जरूरी है। जब गाँव जागृत होगा तब पूरा देश जागृत होगा, क्योंकि देश की दो तिहाई तो जनसंख्या गाँवों में रहती है। शहर के कल्चर में कई बार अपनों की भी पहचान नहीं रह पाती है। शहर में तो कई बार लोग अपने रिश्तों को भी किस्तों में जीने लगते हैं और रिश्तों में भी जीवन बहुत कम रह पाता है। जीवन में रिश्ते हों ये बहुत जरूरी है, लेकिन रिश्तों में जीवन हो ये गाँव सिखाता है।

सवाल: गाँवों में जो आधुनिकीरण की बयार बह रही उसके क्या नुकसान हैं?
जवाब: आधुनिकीकरण सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य तक हो तब तक कोई दिक्कत नहीं। जब हम बाकी शहर के दुर्गुणों को अंदर ले आते हैं  तो उसे गाँव का सही विकास नहीं माना जाएगा। गाँव का सही विकास है शिक्षा, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन, विद्युत प्रबंधन और आसपास के क्षेत्र को और ज्यादा हरित करें और ज्यादा गुणवत्ता परक फ सलों को आगे बढ़वाएं।

सवाल: गाँवों का पूर्ण विकास कैसे संभव है?
जवाब: ग्रामीण अपने गाँव के लिए चिंतित हों। उसके लिए सबसे बड़ा काम वो कर सकते हैं, जैसे किसान ऐसी फ सलें बोए जो जैविक खेती से, जैविक खाद से आगे बढें। जिस तरह की खाद हम उपयोग कर रहे हैं, रसायन हम प्रयोग कर रहे हैं, उसका नुकसान ये होगा कि धीरे-धीरे जो खेती का सही उपयोग है वो नहीं हो पाएगा। फ सलें रसायन युक्त होंगी, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगीं। काम वो करना चाहिए जिसका परिणाम भले ही देर से आए लेकिन अच्छा हो। रासायनिक खादों के प्रयोग से परिणाम तो जल्दी आ जाता है, लेकिन अंतिम परिणाम हमारे स्वास्थ्य की खराबी है। अगर हम जैविक खेती अपनाएं तो काफी लाभ होगा।

सवाल: गाँव के लोगों को सबसे ज्यादा किस पर ध्यान देना चाहिए?
जवाब: गाँव के लोगों को देखना चाहिए कि किसके क्या फायदे हैं और क्या नुकसान। अगर गाँव का स्वास्थ्य ठीक है तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा। गाँव का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो हमारे शहरों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। गाँव का स्वास्थ्य ठीक है हमारे देश का भी स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

सवाल: व कनेक्शनज् के पाठकों के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे?
जवाब: गाँव से कनेक्शन हमेशा बनाए रखें 'गाँव कनेक्शन' के माध्यम से। मुझे खुशी है कि गाँव कनेक्शन माध्यम बन रहा है हम सबके बीच कनेक्शन बनने के लिए। यह हमारे साथ-साथ भारत का कनेक्शन है हम सबके बीच। भारत की हर उस जनता का कनेक्शन है जो गाँव का पैदा हुआ अन्न खाते हैं। ये जागृति होनी चाहिए कि गाँव है तो सब कुछ पहुंच रहा है। ये बहुत जरूरी है कि शहरों में रहने वाले लोग ये याद रखें कि गाँव की मेहनत इस देश को पूरे विश्व में एक शान दिलाएगी।

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