Monday 13 May, 2013

मेंथा की कटाई से 10 दिन पहले बंद कर दें सिंचाई

गरिमा श्रीवास्तव 

लखनऊ। मेंथा की फसल किसानों ने अपने-अपने खेतों में तो लगा ली है। अब कटाई के बाद अच्छी क्वालिटी और अधिक मात्रा में तेल की उम्मीद भी सभी की होती है। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान(सीमैप) के वैज्ञानिक डॉ वीके तोमर कहते हैं, "मेंथा की फ सल काटने से 10 दिन पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। दस दिन पहले सिंचाई न होने से मेंथा का पौधा तनाव में आ जाता और खुलने लगता है जिससे मेंथा की गुणवत्ता बढ़ जाती है।" 

डॉ तोमर कहते हैं, "मेंथा की फ सल पर मुख्य रूप से पत्ती खाने वाले, सूडी पत्तियों में छेद करने वाले और रस चूसने वाले कीड़ों का प्रकोप सबसे अधिक होता है। पत्ती खाने वाले कीड़ों की लार्वा अवस्था फ सलों को नुकसान पहुंचाती है यह लार्वा पीले-भूरे रंग का होता है। यह कीड़ा छोटी अवस्था में पत्तियों पर समूह में पाया जाता है तथा पत्ती के हरे भाग को पूर्ण रूप से खा जाता है जिससे पत्ती झिल्ली दार दिखाई पड़ती है। इस कीड़े के उपचार के लिए कीटनाशी लेम्डा सेहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी, का 0.75 से 1 मिलीलीटर कीटनाशक का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा क्विनल फास  कीटनाशीका 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें।"

साथ ही वह आगे कहते हैं, "इसी के साथ सेमी लूपर कीट लार्वा पीले रंग का होता है। यह चलते हुए शरीर का पीछे का हिस्सा ऊपर की तरफ  उठाकर चलता है इस कीट का लार्वा मुख्य रूप से पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है। पत्तियों की मुख्या शिरा को छोड़कर पूरी पत्ती खा जाता है। रोकथाम के लिए ेमैलाथियान की 2 मिलीलीटर मात्रा एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना ठीक होता है। इसके अलावा क्विनलफास कीटनाशी का 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने से इससे फसल को बचाया जा सकता है।"

 "किसान गेंहू की खेती के बाद जब मेंथा लगाएं तो उससे पहले उसमे माइक्रो मर्चंट  जरूर डालें। जैसे-सल्फ र, जिंक, बोरॉन और कॉपर इससे मेंथा की फ सल का परिणाम अच्छा रहता है।"


तंबाकू की लत छुड़वाएगा हर्बल गुटखा

सीमैप और एनबीआरआई द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक हर्बल उत्पाद 'हर्बी- च्यूÓ को भी लांच किया गया। तंबाकू एवं निकोटिन रहित यह हर्बल उत्पाद स्वाद में गुटखा का अहसास कराता है, लेकिन इसके खाने से स्वास्थ पर कोई विपरीत प्रभाव भी नहीं पड़ता। यह एक अच्छा माउथ फ्र्रे शनर होने के साथ एंटी ऑक्सिडेंट और एंटी बायोटिक गुण रखता है। साथ ही, पाचक क्षमता को भी बढ़ाता है। सीमैप और एनबीआरआई के वैज्ञानिकों नेे मिलकर इस हर्बल गुटखे को विकसित किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस उत्पाद के सेवन से तम्बाकू की लत से छुटकारा पाने में भी मदद मिलेगी।  

1 comment:

  1. आपने बेहद अच्छा लिखा है.. कृपया बताएं कि हर्बल गुटखा क्या खैनी जैसी चीज की लत छुड़वा सकता है???

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