Tuesday 26 February, 2013

सुविधाएं मिलें तो गाँवों से निकलेंगे खिलाड़ी


गाँवों में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन इन गाँव से निकले लोगों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। अगर ग्रामीण प्रतिभाओं को हर सुविधा दी जाए तो यहां से निकल अंतरर्राष्ट्री स्तर पर मेडल जीत सकते हैं। यह कहना है ओलंपिक में मेडल जीतने वाले विजेंदर सिंह का। उनसे विस्तार से बात की गाँव कनेक्शन संवाददाता देवांग राठौर ने:

सवाल: गाँव से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुक्केबाजी करने का सफ कैसा रहा
जवाब: गाँव से लेकर पदक तक का सफ काफी लंबा और संघर्ष से भरा रहा, मैं गाँव से जुड़ा हुआ हूं। बचपन से सपने देखता था और सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से मेहनत करता था। शायद सकारात्मक सोच और मेहनत रंग लाई।

सवाल: क्या हमारे गाँवों के खिलाड़ी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत सकते हैं?
जवाब: बिल्कुल जीत सकते हैं, मैंने जीता है और वो भी गाँव से निकलकर। गाँव का साफ-सुथरा माहौल अन्दर से ताकत देता है जो एक अच्छे खिलाड़ी के लिए ज़रूरी होता है।

सवाल: क्या हमारे खिलाडिय़ों को वो सुविधा मिल रही हैं जो मिलनी चाहिए?
जवाब: जी हां, पहले की अपेक्षा अब काफ अच्छे स्तर की सुविधाएं मिल रही हैं। मैंने 15 साल पहले मुक्केबाजी शुरू की थी। तब तो कुछ भी नहीं था। बीबीसी ने मेरा इंटरव्यू किया तो वे काफी हैरान थे कि इतने छोटे से गाँव के लड़के ने इतना बड़ा काम कर लिया। मैंने उन्हें अपने गाँव में घुमाया।

सवाल: खेलों का स्तर उठाने और खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने के लिए  भारत सरकार के कार्यों से आप खुश हैं?
जवाब: नहीं, सरकार कोई बहुत ज्यादा काम तो नहीं कर रही। मैंने खुद से ही काफी संघर्ष किया है। पदक जीतने से पहले कोई नहीं पूछता था मुझे, पदक जीतने के बाद अब सब लोग पूछते हैं। हालांकि, हरियाणा सरकार खेलों को काफी प्रोत्साहन दे रही है। नौकरी में भी हिस्सेदारी मिल रही है।

सवाल: गाँव में खेलों के प्रति युवाओं के रुझान में जो कमी रही है उसे कैसे दूर किया जा सकता है?
जवाब : मुझे नहीं लगता कि कोई कमी रही है, बल्कि उनकी रुचि बढ़ रही है। हरियाणा में मुक्केबाजी की सात अकादमी चल रही हैं। अन्य खेलों को भी काफ प्रोत्साहन मिल रहा है। हरियाणा अन्य राज्यों के लिए एक नज़ीर बन गया है।

सवाल: कितना अन्तर है एक गाँव के खिलाड़ी और शहर के खिलाड़ी के में?
जवाब: कोई अन्तर नहीं है, सब सोच का र्क है। आप अपने खेल में अपने आपको नंबर-1 समझो। अच्छी सोच के साथ कठिन परिश्रम करना चाहिए।

सवाल: उत्तर प्रदेश में मुक्केबाजी आगे नहीं बढ़ रही, प्रदेश सरकार किस तरह से प्रोत्साहित करे ताकि खिलाड़ी आगे बढ़ें?
जवाब: अखिलेश यादव जी से मेरी अभी एक कार्यक्रम में मुलाकात हुई थी। मैंने उन्हें उत्तर प्रदेश में खिलाडिय़ों को मिलने वाली सुविधाओं पर ध्यान देने की गुजारिश की। यूपी सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ सरकार अगर खेलों को प्रोत्साहन दे तो तो यूपी के मुक्केबाज भी पदक जीतेंगे।

No comments:

Post a Comment